- February 25, 2024
‘न्याय सर्वोपरि’ के सिद्धांत पर नई न्याय संहिता देश को मिली है : खन्ना
‘न्याय सर्वोपरि’ के सिद्धांत पर नई न्याय संहिता देश को मिली है : खन्ना
शिमला, भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने शिमला से जारी एक प्रेस अभियान में कहा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट से हमारी मुलाकात चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में हुई जहां पर हमने उनको हिमाचली टोपी और मफलर देकर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया पूर्व प्रधानमंत्री टोनी हिमाचली टोपी और मफलर पहन पूर्ण रूप से प्रफुल्लित हो गए और उनको हिमाचल की संस्कृति अति सुंदर लगी। हिमाचल देवभूमि है और हिमाचल की संस्कृति का डंका पूरे विश्व में बचता है, आज से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अनेकों बार बार हिमाचल की टोपी विश्व स्तर पर प्रतिनिधियों को दी है इसे हिमाचल का बोलबाला पूरे विश्व में उजागर हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी इजराइल के याद भसीम संग्रहालय में हिमाचल की गहरी लाल रंग की टोपी पहनकर पहुंचे, इसके बाद हिमाचली टोपी को एक नया नाम मिल गया।
भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना एवं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी के बीच भारत की राजनीति को लेकर काफी चर्चा हुई।
खन्ना के बताया की रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर हमारा देश पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहा है।
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के अपने कमिटमेंट को भाजपा सरकार ने लगातार जारी रखा है। गुलामी के कालखंड से प्रेरित क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अब इतिहास हो गया है। अब दंड को नहीं, अपितु न्याय को प्राथमिकता है। ‘न्याय सर्वोपरि’ के सिद्धांत पर नई न्याय संहिता देश को मिली है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम से डिजिटल स्पेस और सुरक्षित होने वाला है। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अधिनियम से देश में रिसर्च और इनोवेशन को बल मिलेगा। जम्मू और कश्मीर आरक्षण कानून से, वहां भी जनजातीय समुदायों को प्रतिनिधित्व का अधिकार मिलेगा। पिछले 10 वर्षों में भारत ने राष्ट्र हित में ऐसे अनेक कार्यों को पूरा होते हुए देखा है जिनका इंतजार देश के लोगों को दशकों से था। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने को लेकर शंकाएं थीं। आज वे इतिहास हो चुकी हैं। इसी संसद ने तीन तलाक के विरुद्ध कड़ा कानून बनाया। इसी संसद ने हमारे पड़ोसी देशों से आए पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाला कानून बनाया। मेरी सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ को भी लागू किया, जिसका इंतजार चार दशकों से था। OROP लागू होने के बाद अब तक पूर्व सैनिकों को लगभग 1 लाख करोड़ रुपए मिल चुके हैं। भारतीय सेना में पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति भी हुई है।