बाढ़ के संकट में फंसे लोगों को निकालने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष वित्तीय मदद के लिए हाथ नहीं फैलाएंगे

बाढ़ के संकट में फंसे लोगों को निकालने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष वित्तीय मदद के लिए हाथ नहीं फैलाएंगे
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज लोगों को शहीदों के सपने साकार करने के लिए बर्तानवी हकूमत से स्वतंत्र होने के बाद देश के खजाने लूटने वालों को उखाड़ फेंकने के लिए स्वतंत्रता की एक और लहर चलाने का न्योता दिया है।
आज यहाँ शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस के मौके राज्य स्तरीय समागम के दौरान इक्ट्ठ को संबोधन करते हुये मुख्यमंत्री ने दुख ज़ाहिर करते हुये कहा कि चाहे देश ने 1947 में बर्तानवी हाकिमों की ग़ुलामी से स्वतंत्रता हासिल कर ली थी परन्तु देश भगतों और महान शहीदों के सपने कभी भी साकार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में समय- समय की सरकारों ने लोगों को दोनों हाथों लूटा और उन पर बेरहमी के साथ ज़ुल्म गिराया। भगवंत मान ने कहा कि अब समय आ गया है कि इन अत्याचारी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाये जिसके लिए स्वतंत्रता के संघर्ष की दूसरी लहर शुरू की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्वतंत्रता संघर्ष में महलों या आलीशान घरों में रहने वालों या अपने आप को ‘काका जी’ और ‘बीबा जी’ कहलवाने वालों को राजनैतिक तौर पर गुमनामी में धकेल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय यही माँग करता है क्योंकि ऐसा करने से ही शहीदों के सपने पूरे किये जा सकते हैं और सबके लिए समान अधिकारों वाले भारत की सृजना की जा सकती है। भगवंत मान ने कहा कि यह मौकाप्रस्त नेता कभी भी लोगों के पक्ष में नहीं खड़े होते बल्कि यह लोग उसी पक्ष की ओर चले जाते हैं, जहाँ इनका अपना फ़ायदा होता हो, चाहे मुग़ल शासक हों, बर्तानवी हाकिम, कांग्रेस और चाहे भाजपा हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने हमेशा राज्य और इसके लोगों की अपेक्षा अपने निजी हितों को पहल दी है। उन्होंने व्यंग्य करते हुये कहा, “हाल ही में भाजपा के एक शिष्टमंडल जिसने कुछ मुद्दों को लेकर राज्यपाल के साथ मुलाकात की थी, में वह सभी दल-बदलू शामिल थे जो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा का कोई भी पुराना नेता इस शिष्टमंडल का हिस्सा नहीं था जिसका नेतृत्व भगवा पार्टी के नये प्रधान कर रहे थे। यहाँ तक कि शिष्टमंडल का नेतृत्व सुनील जाखड़ ने किया, जो ख़ुद किसी समय राज्य कांग्रेस के प्रधान थे परन्तु हाल ही में इस पद के लिए अपनी वफ़ादारी बदल चुके हैं।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों को पंजाब और पंजाबियों की पीठ में छुरा घोंपने वाले लोगों को सबक सिखाया जाना चाहिए जिससे बाकियों को भी सबक मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब पहले ही साल 2022 में राज्य में आम आदमी की सरकार बनने से इस लहर को देख चुका है।
एक मिसाल देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल जो उनको राजनीति में लेकर आया थे, के खि़लाफ़ भी अनियमितताओं का मुकदमा दर्ज किया गया है। भगवंत मान ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने शहीद भगत सिंह के पैतृक गाँव जाकर राज्य की सेवा करने की शपथ ली थी परन्तु वह अपना वायदा पूरा करने की बजाय इसको भूल गए और पद की ख़ातिर पहले कांग्रेस में और अब भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करके राज्य के लोगों के साथ गद्दारी करता है, उसे अपने गुनाहों का हर्जाना भुगतना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी ख़ज़ाना पहले की तरह अब खाली नहीं रहा बल्कि इसमें से एक- एक पैसा आम आदमी की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से पंजाब के व्यापक विकास और इसके लोगों की खुशहाली को यकीनी बनाने के लिए कई पहलकदमियां की गई हैं। भगवंत मान ने उम्मीद अभिव्यक्त की कि वह दिन दूर नहीं जब राज्य सरकार के ठोस यत्नों स्वरूप पंजाब विश्व भर में अग्रणी राज्य बन कर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में बाढ़ के कारण लोगों के हुए नुकसान का पता लगाने के लिए पहले ही विशेष गिरदावरी के हुक्म दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हिदायत की गई है कि विशेष गिरदावरी को 15 अगस्त तक हर सूरत में मुकम्मल करना यकीनी बनाया जाये। भगवंत मान ने लोगों को भरोसा दिलाया कि हमारी सरकार बाढ़ में हुए नुकसान के लिए लोगों को मुआवज़ा ज़रूर देगी, चाहे उनकी एक मुर्ग़ी या बकरी का की नुकसान हुआ हो।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में लोगों को राहत देने के लिए केंद्र से भीख नहीं मांगेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास लोगों को इस गंभीर संकट में से निकालने के लिए ज़रुरी संसाधन मौजूद हैं और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से एक पैसा भी नहीं मांगेगी।
शहीद ऊधम सिंह को श्रद्धांजलि भेंट करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सुनाम की इस पवित्र धरती पर सिर झुकाते हैं जहाँ इस धरती के महान पुत्र ने जन्म लिया था। उन्होंने अपने दोस्तों और इलाके के अध्यापकों के साथ अपनी लम्बी सांझ को याद करते हुये कहा कि वह बचपन में अपने पिता के साथ इस स्थान पर शहीद को नमन करने आते थे। भगवंत मान ने कहा कि शहीद ऊधम सिंह महान सपूत था, जिसने जलियांवाला बाग़ के हत्याकांड के मुख्य दोषी माइकल ओ डवायर की हत्या करके बहादुरी का सबूत दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में इस महान नायक की तरफ से दिये गये महान बलिदान ने देश को बर्तानवी साम्राज्यवाद की गुलामी से मुक्त होने में मदद की। भगवंत मान ने कहा कि एक कलाकार होने के नाते वह जब भी लंदन जाते थे तो वह कैकस्टन हॉल में ज़रूर जाते थे जहाँ शहीद ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग़ के हत्याकांड का बदला लिया था। उन्होंने कहा कि यह हॉल हम सभी के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह हमें शहीद की वीर गाथा की याद दिलाता है जो हमारी नौजवान पीढ़ियों के लिए जबर-ज़ुल्म और अन्याय के विरुद्ध लड़ने के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।

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