• November 16, 2023

बिहार का लोक पर्व छठ: डूबते सूर्य को अर्घ्य देतीं महिलाएं

बिहार का लोक पर्व छठ: डूबते सूर्य को अर्घ्य देतीं महिलाएं

छठ बिहार का एक लोक पर्व है। इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। छठ की कहानी सीताजी से जुड़ी है। कहा जाता है कि श्रीराम के लंका विजय के बाद सीता माता ने छठी मैया की पूजा की थी।

शास्त्रीय तौर पर छठ सूर्य पूजा है। इस पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सूर्य को अर्घ्य देना है। महिलाएं समूह में मंगलगीत गाते हुए कुंड, तालाब या नदी में नहाती हैं। फिर वे सूर्य को फलों की भेंट चढ़ाते हुए दूध और गंगा-जल का अर्घ्य देती हैं। छठ पूजा में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जो इसे अन्य सूर्य पूजाओं से अलग बनाता है।

कुछ लोगों का मानना है कि छठ पूजा में सूर्य और छठी मइया को एक ही माना गया है। छठी मइया को शक्ति और ऊर्जा की देवी माना जाता है। स्कंदपुराण में भी प्रतिहार षष्ठी व्रत का उल्लेख आया है।

छठ बिहार का एक महत्वपूर्ण लोक पर्व है। यह पर्व महिलाओं की अखंड श्रद्धा का प्रतीक है। छठ पूजा में महिलाएं पूरे 24 घंटे निरान्नजल व्रत रखती हैं।

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