- August 2, 2023
स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-यू) 2.0 को 1 अक्टूबर, 2021 को पांच साल की अवधि के लिए शुरू
शहरों में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के समग्र कार्यान्वयन का मूल्यांकन करने के लिए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय एक वार्षिक सर्वेक्षण आयोजित करता है। इसके अतिरिक्त, शहरों को तीसरे पक्ष की एजेंसियों के माध्यम से खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) और कचरा मुक्त शहर (जीएफसी) के वार्षिक प्रमाणपत्रों से भी गुजरना पड़ता है। राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में एसबीएम-यू की निगरानी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस, वेबिनार, कार्यशाला
स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम-यू) 2.0 को 1 अक्टूबर, 2021 को पांच साल की अवधि के लिए शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य 100 प्रतिशत स्रोत पृथक्करण, डोर टू डोर कलेक्शन और वैज्ञानिक लैंडफिल में सुरक्षित निपटान सहित कचरे के सभी अंशों के वैज्ञानिक प्रबंधन से सभी शहरों के लिए कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करना है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अशोधित मल कीचड़ या उपयोग किया हुआ पानी पर्यावरण में नहीं छोड़ा जाता है और सभी उपयोग किए गए पानी (सीवरेज और सेप्टेज, ग्रे वाटर और काले पानी सहित) को सुरक्षित रूप से रखा, परिवहन और शोधित किया जाता है, साथ ही शोधित किए गए पानी का फिर से अधिकतम उपयोग किया जाता है, एक लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए उपयोग किए गए जल प्रबंधन (यूडब्ल्यूएम) का एक नया घटक शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य पहले के सभी डंपसाइटों का शोधन करना और उन्हें ग्रीन जोन में परिवर्तित करना भी है।
एसबीएम-यू 20 के अंतर्गत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न प्रकार के नगरीय ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) प्रबंधन संयंत्रों जैसे अपशिष्ट-से-खाद (डब्ल्यूटीसी), अपशिष्ट-से-ऊर्