- January 20, 2024
हिमाचल में 8 से 10 दिन मौसम साफ रहने की संभावना, जनवरी के अंत में बर्फबारी की संभावना
हिमाचल प्रदेश में आने वाले 8 से 10 दिन मौसम साफ रहने की संभावना जनवरी के अंत में बर्फबारी की संभावना
हिमाचल में बर्फबारी के आसार! प्रदेश में न्यूनतम पारा -8.8 डिग्री पहुंचा
हिमाचल प्रदेश में जनवरी माह के अंत में मौसम में बदलाव आने की संभावना है। इस दौरान बारिश और बर्फबारी का एक स्पेल देखने को मिल सकता है। बर्फबारी न होने से पर्यटन और बागवानी पर भी असर पड़ता दिख रहा है।
हिमाचल प्रदेश में आने वाले 8 से 10 दिन मौसम साफ रहने की संभावना है। हालांकि, जनवरी माह के अंत में मौसम में बदलाव आने की संभावना है। इस दौरान बारिश और बर्फबारी का एक स्पेल देखने को मिल सकता है। बर्फबारी न होने से पर्यटन और बागवानी पर असर पड़ता दिख रहा है।
मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि आने वाले 8 से 10 दिनों तक हिमाचल प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस दौरान कोई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, जनवरी माह के अंत में मौसम में बदलाव आने की संभावना है। इस दौरान बारिश और बर्फबारी का एक स्पेल देखने को मिल सकता है।
20 वर्षों में हिमाचल में सबसे कम बारिश
सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 20 वर्षों में हिमाचल प्रदेश में सबसे कम बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई है। इसके अलावा, पिछले 24 घंटों में तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। लाहौल-स्पीति में न्यूनतम तापमान माइनस 8.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, अधिकतम तापमान सामान्य से काफी अधिक चल रहा है। लाहौल-स्पीति के केलांग में अधिकतम तापमान सामान्य से 11 डिग्री अधिक चल रहा है। साथ ही, प्रदेश के कई क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से 6 से 7 डिग्री अधिक चल रहा है।
बर्फबारी न होने से पर्यटन और बागवानी पर असर,बर्फबारी न होने से पर्यटन और बागवानी पर भी असर पड़ता दिख रहा है। पर्यटकों की संख्या में कमी आई है और बागवानों को नुकसान हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी पर्यटन के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। हर साल लाखों पर्यटक हिमाचल प्रदेश की बर्फ से ढकी पहाड़ियों और ग्लेशियरों को देखने आते हैं। लेकिन, इस साल बर्फबारी न होने से पर्यटन पर काफी असर पड़ा है। पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। इससे पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान हुआ है।
बागवानी पर असर
हिमाचल प्रदेश में बागवानी भी एक प्रमुख उद्योग है। यहां से हर साल लाखों टन सेब, आड़ू, नाशपाती, और अन्य फलों का निर्यात होता है। लेकिन, बर्फबारी न होने से बागवानी पर भी असर पड़ रहा है। फलों के पेड़ों को पर्याप्त ठंड नहीं मिल पा रही है, जिससे फलों की पैदावार कम हो रही है। इससे बागवानों को काफी नुकसान हो रहा है।
जलवायु परिवर्तन का असर
बर्फबारी न होना जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख संकेत है। जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में तापमान बढ़ रहा है। इससे बर्फबारी कम हो रही है और हिमालय के ग्लेशियर पिघल रहे हैं। इससे हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र पर भी खतरा बढ़ रहा है।