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ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने पर लारजी डैम से छोड़ा गया पानी, प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को किया अलर्ट

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित लारजी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जुड़ी एक एहतियाती चेतावनी ने प्रशासन और आम जनता को सतर्क कर दिया है। ब्यास नदी और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने के चलते लारजी बांध से लगभग 50 क्यूसेक पानी नियंत्रित रूप से छोड़ा जा रहा है। यह कदम बांध की सुरक्षा और डाउनस्ट्रीम क्षेत्र में जल प्रवाह को संतुलित करने के लिए उठाया गया है।

कुल 126 मेगावाट की क्षमता वाले इस परियोजना के अधिकारियों ने मंडी जिला प्रशासन के साथ मिलकर एक सार्वजनिक सलाह जारी की है, जिसमें स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों से अगले 24 घंटों तक नदी किनारे जाने से परहेज करने का अनुरोध किया गया है। इस चेतावनी का मुख्य उद्देश्य अचानक जलस्तर बढ़ने से उत्पन्न संभावित दुर्घटनाओं से बचाव करना है।

प्रशासन ने बताया है कि इस प्रकार के जल छोड़ने की प्रक्रिया मानसून या भारी जल आवक के दौरान एक नियमित सुरक्षा उपाय है, जिसे बांध की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर पर्यटन स्थलों और स्थानीय बस्तियों के पास चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और सार्वजनिक उद्घोषणाएं की जा रही हैं ताकि लोगों को समय रहते सावधान किया जा सके।

स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मछली पकड़ने, नहाने या किसी अन्य गतिविधि के लिए नदी किनारे न जाएं। इसके साथ ही लोगों से आग्रह किया गया है कि वे प्रशासनिक निर्देशों का सख्ती से पालन करें और अपनी सुरक्षा में कोई ढिलाई न बरतें।

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य के आकर्षण के साथ-साथ ऐसी आपातकालीन स्थितियां अक्सर सामने आती हैं, जहां आमजन और सैलानियों की सजगता अत्यंत आवश्यक होती है। प्रशासन की ओर से यह भी बताया गया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और अगर आवश्यक हुआ तो अतिरिक्त कदम भी उठाए जाएंगे।

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