अमृतसर, 19 जून (कुमार सोनी ) भारतीय जनता पार्टी के प्रांतीय प्रवक्ता प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने कहा कि कनाडा की प्रमुख खुफिया एजेंसी (सीएसआईएस) द्वारा यह आधिकारिक खुलासा कि कनाडा की धरती का इस्तेमाल खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजना बनाने के लिए किया जा रहा है, ने भारत के दावों की पुष्टि की है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए सुरक्षित पनाहगाह और गतिविधियों का केंद्र बन गया है, जिसे पिछली ट्रूडो सरकार ने राजनीतिक निहित स्वार्थों के कारण हमेशा नजरअंदाज किया था। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए बातों को पुख्ता किया है। उम्मीद है कि भारत के साथ अच्छे संबंध चाहने वाले और वैश्विक मामलों में भारत के महत्व को समझने वाले कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी इस रिपोर्ट के विषय पर विशेष ध्यान देंगे।
प्रो. सरचंद सिंह ने कहा कि कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच पिछले डेढ़ साल से चली आ रही ख़ताश को समाप्त करते हुए दोनों देशों में उच्चायुक्त और राजनयिकों को बहाल करने पर सहमति जताई तथा मानव कल्याण और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने, व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, खनिज और सुरक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करने की संभावनाओं पर गहन चर्चा की।
प्रो. सरचंद सिंह ने आगे कहा कि कनाडा आतंकवाद का शिकार रहा है, 1985 में कनाडा में एयर इंडिया के ‘कनिष्क’ को उड़ा दिया गया था, जिसमें 331 लोग मारे गए थे, जो 9/11 से पहले दुनिया के हवाई क्षेत्र में सबसे खराब आतंकवादी हमलों में से एक था। उन्होंने कहा कि कनाडा ने देश में आतंकवाद के खतरे पर अपनी 2018 की रिपोर्ट में “सिख चरमपंथियों” के बढ़ते खतरे का उल्लेख किया था, जिसे सिख समुदाय के दबाव के कारण हटा दिया गया था। कनाडा सरकार ने देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता से जिन 77 आतंकवादी समूहों को आपराधिक संहिता के तहत सूचीबद्ध किया है, उनमें 2 सिख संगठन भी शामिल हैं।
कनाडा की खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट ने भारत के दावों की पुष्टि की : प्रो. सरचंद सिंह ख्याला
