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डीसी साक्षी साहनी की सख्ती ने बदली वल्ला सब्जी मंडी की तस्वीर


अमृतसर, राहुल सोनी।
अगर नीयत और नीति में पारदर्शिता हो तो किसी भी समस्या का समाधान मुश्किल नहीं होता—यह कहावत इन दिनों अमृतसर की वल्ला सब्जी मंडी पर सटीक बैठ रही है। दो दिन पहले तक जहां मंडी बारिश के कारण जलभराव, कीचड़, बिजली संकट और पेयजल की किल्लत से जूझ रही थी, वहीं अब उसकी तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।

यह सकारात्मक बदलाव डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी की सख्ती और तत्परता का परिणाम है। वर्षों से उपेक्षा झेलती आ रही इस मंडी में अब न सिर्फ नियमित सफाई हो रही है, बल्कि सीवरेज, बिजली, सड़क मरम्मत और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं पर युद्धस्तर पर कार्य भी जारी है।

फ्रूट एंड वेजिटेबल मर्चेंट्स यूनियन के प्रतिनिधियों ने डीसी साहनी का आभार जताते हुए कहा कि उनकी पहल से कारोबारियों, किसानों और मंडी में काम करने वाले मजदूरों को राहत की सांस मिली है। मंडी के चेयरमैन राजदीप सिंह उप्पल, प्रधान चरणजीत सिंह बतरा और महासचिव जतिंदर खुराना ने डीसी से मुलाकात कर मंडी की बदहाली की जानकारी दी थी, जिसके बाद डीसी ने तुरंत संबंधित विभागों को सुधार कार्यों के आदेश दिए।

खास बात यह रही कि डीसी के निर्देश मिलते ही संबंधित विभागों ने बारिश के बावजूद काम में कोई देरी नहीं की। सफाई कर्मी, बिजली विभाग, पीएचई, नगर निगम व अन्य एजेंसियों की टीमें तुरंत एक्शन में आ गईं और मंडी की दशकों पुरानी समस्याओं को दूर करने में जुट गईं।

साफ़-सफ़ाई, जलनिकासी, कीटमुक्ति फॉगिंग, कूड़ा उठाने की व्यवस्था, बिजली लाइनों की मरम्मत, खस्ताहाल सड़कों की सुधार, स्ट्रीट लाइट की बहाली और नए वाटर कूलर जैसी मांगों पर भी काम शुरू हो गया है। व्यापारियों ने बताया कि वर्षों से वे इन मांगों को लेकर विभागों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन समाधान की रफ्तार कभी इतनी तेज़ नहीं रही।

मंडी की स्थिति पर राजनीतिक हलकों में भी हलचल रही। दो दिन पहले हलका विधायक जीवन जोत कौर और सांसद गुरजीत सिंह औजला के बीच सोशल मीडिया पर मंडी की बदहाली को लेकर बहस छिड़ गई थी, जिससे यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया।

गौरतलब है कि साल 2004 में हाल गेट से स्थानांतरित हुई वल्ला मंडी सरकार को सालाना करीब 15 करोड़ रुपये का राजस्व देती है, इसके बावजूद अब तक वह बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही थी। लेकिन अब प्रशासनिक संजीदगी और डीसी की दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते बदलाव की लहर महसूस की जा रही है।

व्यापारी संघ ने यह भी बताया कि उन्होंने अवैध वाहनों को हटाने, खुदरा विक्रेताओं के लिए अलग स्थान निर्धारित करने, नए शौचालय बनवाने और खस्ताहाल शेड की मरम्मत जैसी मांगें भी प्रशासन के समक्ष रखीं थीं, जिन पर तुरंत अमल शुरू हो गया है। दो दिन में ही 50 फीसदी से अधिक समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।

इस सराहनीय पहल से मंडी के व्यापारियों को उम्मीद की नई किरण दिखी है और यह उदाहरण बन सकता है कि जब प्रशासन इच्छाशक्ति से काम करे, तो वर्षों से लंबित समस्याओं को भी चुटकी में हल किया जा सकता है।

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