पंजाब सरकार ने गन्ना किसानों के हित में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने के दाम में **₹416 प्रति क्विंटल** की बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इस निर्णय के साथ पंजाब अब भारत का वह राज्य बन गया है जो गन्ने का सबसे अधिक समर्थन मूल्य देता है।
दीनानगर में अत्याधुनिक शुगर मिल और को-जेनरेशन प्लांट के उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब लगातार किसानों के हित में साहसिक कदम उठाकर एक राष्ट्रीय बेंचमार्क स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी केवल एक आर्थिक सहायता नहीं बल्कि गन्ना उगाने वाले किसानों की मेहनत का सम्मान है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गन्ना पंजाब के कई जिलों, विशेषकर बॉर्डर क्षेत्रों, के लाखों किसानों की आजीविका का मुख्य आधार है। बढ़े हुए दाम किसानों की आय में सीधा इजाफा करेंगे और उन्हें गन्ना उत्पादन को एक लाभकारी विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मान ने केंद्र सरकार से भी अपील की कि गन्ने को पानी अधिक उपयोग करने वाली फसलों के स्थान पर एक श्रेष्ठ विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पंजाब सरकार द्वारा विकसित की गई *सल्फरलेस ‘फतेह’ शुगर* अब बाजार में लॉन्च हो चुकी है, जो क्वालिटी और हेल्थ-फ्रेंडली चीनी के रूप में एक नया मानक स्थापित करेगी।
नई मिल और पावर प्लांट से किसानों को मिलेगा बहुआयामी लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि गुरदासपुर में स्थापित की गई नई कोऑपरेटिव शुगर मिल क्षेत्र के किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी। पुरानी मिल, जिसकी क्षमता केवल 2,000 TCD थी, कई वर्षों से बढ़ते गन्ना उत्पादन की मांग को पूरा नहीं कर पा रही थी। अब नई मिल की क्षमता **5,000 TCD** कर दी गई है, जिससे लगभग **80 लाख क्विंटल** गन्ने का सुचारू रूप से प्रोसेसिंग संभव हो सकेगी।
नया शुगर कॉम्प्लेक्स न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि किसानों को समय पर भुगतान, बेहतर सुविधाएँ और शुगर उद्योग की क्वालिटी को भी एक नया विस्तार देगा।

को-जेनरेशन प्लांट बनेगा स्थायी आय का स्रोत**
28.5 MW क्षमता वाले को-जेनरेशन प्लांट के शुरू होने के बाद मिल हर साल PSPCL को 20 MW सरप्लस बिजली एक्सपोर्ट करेगी। इससे मिल को हर सीजन में लगभग **₹20 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व** मिलने का अनुमान है, जिससे संस्था की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी।
इस विस्तार से गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों की संख्या भी बढ़कर **2,850 से 7,025** होने की उम्मीद है। इससे दूर स्थित निजी मिलों पर निर्भरता खत्म होगी और किसानों का समय व परिवहन खर्च दोनों बचेंगे।
किसानों के लिए बड़ा कदम, पंजाब के लिए नई उपलब्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय सिर्फ एक दर वृद्धि नहीं, बल्कि पंजाब के कोऑपरेटिव सेक्टर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसान-केंद्रित विकास मॉडल को मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने दोहराया कि पंजाब हमेशा की तरह किसानों के साथ खड़ा है और आगे भी उनके हित में बड़े निर्णय लेता रहेगा।
यह कदम पंजाब को न केवल देश में गन्ना मूल्य निर्धारण का नेता बनाता है, बल्कि उन राज्यों के लिए भी मिसाल है जहाँ गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं।