पंजाब पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन ने अधिकारियों को जुवेनाईल जस्टिस और पोक्सो एक्टों के बारे जागरूक करने के लिए करवाया प्रशिक्षण प्रोग्राम

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बाल सुरक्षा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके प्रभावशाली ढंग से कार्यान्वयन के लिए पंजाब पुलिस के कम्युनिटी अफेअरज़ डिवीज़न (सीएडी) ने बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के सहयोग से आज यहाँ जुवेनाईल जस्टिस ( जेजे) एक्ट, 2015 और यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पोक्सो) एक्ट, 2012 पर दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रोग्राम करवाया।

समापन सत्र की अध्यक्षता स्पेशल डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (स्पेशल डीजीपी) सीएडी गुरप्रीत कौर दिओ ने की, जिन्होंने कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे बच्चों समेत सभी बच्चों की सुरक्षा में इन एक्टों की महत्ता पर ज़ोर दिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी), बाल कल्याण समिति ( सीडब्लयूसी) और ज़िला बाल सुरक्षा अधिकारियों (डीसीपीओ) सहित कानूनी संस्थाओं, जिनकी भूमिकाएँ जेजे एक्ट के अधीन महत्वपूर्ण हैं, के साथ नजदीकी तालमेल के ज़रिये काम करने की अपील की।

इस प्रोग्राम में 65 से अधिक अधिकारियों, जिनमें डिप्टी ऐसपीज़, ऐसऐचओज़, महिला हैल्पडैस्क इंचार्ज, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी (सीडब्लयूपीओ) और एसएएस नगर, फतेहगढ़ साहिब और रूपनगर के सीडब्लयूसी चेयरपर्सन शामिल हैं, ने हिस्सा लिया। दूसरा दिन विशेष तौर पर अधिकारियों को पोक्सो एक्ट, 2012 के बारे जागरूक करने पर केंद्रित रहा, जिसमें बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए कानूनी प्रबंधों को उजागर किया गया।

विशेष डीजीपी गुरप्रीत कौर दिओ ने प्रशिक्षण हिस्सेदार के तौर पर बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के योगदान की सराहना की और दोनों एक्टों के बारे अनमोल जानकारी प्रदान करने के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी बताया कि सीएडी ने बीबीए के सहयोग से पंजाब के सभी आठ पुलिस रेंजों में इसी तरह के प्रशिक्षण सत्र करवाए हैं, जिससे बाल सुरक्षा कानूनों के प्रति व्यापक जागरूकता और पालना को यकीनी बनाया जा सके।

इस प्रोग्राम का उद्देश्य अंतर-एजेंसी तालमेल को मज़बूत करना और अधिकारियों को बच्चों से सम्बन्धित मामलों को कानूनी सूझ और अधिक संवेदनशीलता से निपटने के लिए अपेक्षित जानकारी के साथ लैस करना था।

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