हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में जारी भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से ठप कर दिया है। रविवार रात से लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण जिले के कई हिस्सों में नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं। गोहर, करसोग, धर्मपुर और मंडप जैसे क्षेत्रों में दर्जनों मकान जमींदोज हो चुके हैं। फ्लैश फ्लड की विभीषिका में अब तक 18 लोगों के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य को सुरक्षित बचा लिया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर लगातार राहत और बचाव अभियान चला रही हैं।
मंडी प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक करसोग के बगस्याड क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और चार लोगों की तलाश अब भी जारी है। वहीं गोहर उपमंडल के स्यांज गांव में एक ही परिवार के नौ लोग पानी के सैलाब में बह गए हैं। सराज क्षेत्र के बाड़ा गांव में दो और तलवाड़ा में तीन लोग लापता हैं। मंडी शहर के विभिन्न क्षेत्रों से अब तक 11 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जबकि बाड़ा और तलवाड़ा से कुल पाँच लोगों को सुरक्षित निकाला गया। जिले में अब तक 261 सड़कों के बंद होने की पुष्टि हुई है।
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर भी भारी भूस्खलन और जलभराव के चलते यातायात पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। वैकल्पिक रूप से कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग को केवल हल्के वाहनों के लिए खोला गया है, जबकि भारी वाहनों को सुंदरनगर और बल्ह में रोक दिया गया है। मंडी पुलिस ने जनता से अपील की है कि जब तक हालात सामान्य न हो जाएं, अनावश्यक यात्रा से परहेज करें और केवल आपातकालीन स्थिति में ही बाहर निकलें। जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन स्वयं बाड़ा और तलवाड़ा का दौरा कर राहत कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने हालात को गंभीरता से लेते हुए मंडी जिले में सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए और रेड अलर्ट वाले क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन टीमें पूर्ण रूप से तैनात रहें। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान बारिश के और तेज होने की चेतावनी दी है।
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