अमृतसर, कुमार सोनी: राष्ट्रीय मानवाधिकार वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन राजकुमार खोसला ने छोटे बच्चों के अपहरण और उनसे जबरन भीख मंगवाने की घटनाओं को मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध करार देते हुए इसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोरतम सजा दी जानी चाहिए ताकि यह अमानवीय प्रवृत्ति समाज से समाप्त की जा सके।
उन्होंने आम आदमी पार्टी की उस पहल की सराहना की जिसमें भीख मांगने वाले बच्चों का डीएनए परीक्षण करवा कर उनकी पहचान सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है। खोसला ने कहा कि इससे उन बच्चों की वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी और यह तय किया जा सकेगा कि वे अपहृत हैं या नहीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की सख्त और पारदर्शी कार्यवाही से बच्चों के अधिकारों की रक्षा होगी और उनके शोषण पर लगाम लगेगी।
राजकुमार खोसला ने आम जनता से भी अपील की कि वे ऐसे बच्चों को नगद देने की बजाय उन्हें भोजन, कपड़े या अन्य जरूरत का सामान दें ताकि उन गिरोहों को आर्थिक सहयोग न मिल सके जो बच्चों को जबरन सड़कों पर उतारकर उनसे भीख मंगवाते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को इस प्रकार की सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक रहना होगा और प्रशासन का सहयोग करके ऐसे आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने में भागीदार बनना चाहिए।
खोसला ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए कड़े निर्णयों और ज़मीन पर हो रही कार्रवाइयों का असर दिखने लगा है, क्योंकि अब राज्य की सड़कों और चौराहों पर बच्चों से भीख मंगवाने की घटनाओं में गिरावट आई है। उन्होंने इसे एक सराहनीय कदम बताया और कहा कि यदि इसी तरह की नीति पूरे देश में अपनाई जाए, तो हजारों बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है।
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