शिमला, 3 अगस्त 2025 – हिमाचल प्रदेश इस मॉनसून सीज़न में विनाशकारी प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है, जिसने राज्य के एक बड़े हिस्से में भारी तबाही मचाई है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इस गंभीर संकट के बीच, राज्य के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने आज मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने जमीनी हालात का जायजा लिया और पीड़ितों से मिलकर उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब राज्य सरकार आर्थिक संकट का सामना कर रही है और राज्यपाल के लिए एक नई मर्सिडीज कार की खरीद को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस छिड़ी हुई है।
राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने मंडी जिले के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक जेल रोड के पास तुंगल कॉलोनी का दौरा किया। उन्होंने आपदा पीड़ितों के साथ बातचीत की, उनकी कुशलक्षेम पूछी और सहानुभूति व करुणा के साथ उनकी चिंताओं को सुना। जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, उन्होंने प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें प्रभावित क्षेत्रों में समय पर राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण सुनिश्चित करने के लिए निकट समन्वय में काम कर रही हैं। उन्होंने पीड़ितों को बिना किसी देरी के आश्रय, भोजन, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया।
अपने दौरे के दौरान, राज्यपाल ने चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान करने के अपने प्रयासों को मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने जिला प्रशासन, आपदा प्रतिक्रिया टीमों और स्थानीय स्वयंसेवकों की सक्रिय प्रतिक्रिया और प्रभावितों की मदद करने के उनके अथक प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा, “हिमाचल प्रदेश के लोगों ने हमेशा विपरीत परिस्थितियों में उल्लेखनीय साहस और लचीलापन दिखाया है। प्रशासन राहत प्रदान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तत्परता और समर्पण के साथ काम कर रहा है।” मंडी के उपायुक्त, श्री अपूर्व देवगन ने राज्यपाल को जिले भर में किए जा रहे राहत और पुनर्वास कार्यों के बारे में जानकारी दी। राज्यपाल ने पंचायत भवन का भी दौरा किया, जहां विस्थापित परिवारों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उन्हें निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। इससे पहले, राज्यपाल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए जेल रोड पर क्षतिग्रस्त स्थल का भी दौरा किया। उन्होंने पड्डल स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी का भी दौरा किया और त्रासदी में अपने तीन सदस्यों को खोने वाले एक शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर उन्हें हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त कीं।
मर्सिडीज कार विवाद और राज्यपाल की सफाई
एक तरफ जहां राज्य आपदा की मार झेल रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्यपाल के लिए 92 लाख रुपये की मर्सिडीज कार खरीदने के राज्य सरकार के फैसले पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया है। इस विवाद पर खुद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रतिक्रिया दी। शुक्रवार को शिमला राजभवन से मंडी और कुल्लू जिलों के आपदा प्रभावितों के लिए रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से राहत सामग्री रवाना करने के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि दिल्ली में पुराने वाहनों के चलने पर प्रतिबंध के कारण नया वाहन लेना अनिवार्य हो गया था। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री को यह बताना चाहिए था कि नई कार लेना आवश्यक था, यह उनकी कोई व्यक्तिगत मांग नहीं थी।
पर्यावरण, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और मुख्यमंत्री से मतभेद
राज्यपाल ने लॉटरी सिस्टम पर टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि यह प्रशासन और जनता का विषय है, और इस पर उनकी सीधी टिप्पणी उचित नहीं होगी। हालांकि, उन्होंने प्रदेश में अवैज्ञानिक निर्माण और आपदाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह चिंता केवल कोर्ट की नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री भी इस विषय पर गहराई से चिंतित हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सोचने की जरूरत है कि कैसे हिमाचल के पर्यावरण और जीवनशैली को संतुलित किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे नुकसान से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा राज्यपाल के एक बयान पर की गई टिप्पणी पर भी राज्यपाल ने अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल पुनर्वास केंद्र खोलने की बात कही थी और अपने बयान में प्रदेश सरकार व प्रशासन के प्रयासों का भी उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किस संदर्भ में बयान दिया, यह वही स्पष्ट कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने राज्यपाल के बयान को लेकर कहा था कि राज्यपाल एक गरिमामयी पद पर हैं और उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।
केंद्र का सहयोग और प्रधानमंत्री का विशेष स्नेह
राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत की है। राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल प्रदेश के प्रति विशेष स्नेह है। उन्होंने मुझसे कहा कि प्रदेश में जिस तरह से लगातार नुकसान हो रहा है, ऐसे में हिमाचल के लोगों को अपने रहन-सहन में बदलाव की जरूरत है। अगर हमने नहीं सोचा, तो आगे और अधिक नुकसान हो सकता है। राज्यपाल ने यह भी बताया कि लगभग 1200 से 1300 परिवारों के लिए रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से राहत सामग्री भेजी गई है।
कुल मिलाकर, हिमाचल प्रदेश इस समय एक दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है – एक ओर प्रकृति का प्रकोप और दूसरी ओर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप। राज्यपाल का दौरा और उनके बयान राज्य की मौजूदा स्थिति को दर्शाते हैं, जहां राहत और पुनर्वास के प्रयास जारी हैं, लेकिन केंद्र और राज्य के बीच समन्वय और वित्तीय सहायता को लेकर अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। जनता उम्मीद कर रही है कि राजनीतिक बयानबाजी से ऊपर उठकर सभी दल मिलकर इस संकट से उबरने में मदद करेंगे।
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