अत्यधिक महत्वकांक्षा से टूटती परिवार के रिश्तों की डोर
(बिखर रहे चूल्हे सभी, सिमटे आँगन रोज। नई सदी ये कर रही, जाने कैसी खोज॥) पिछले कुछ समय में पारिवारिक
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