- January 9, 2024
Himachal Pradesh: PhD (शिक्षा में पीएचडी की डिग्री हासिल)Holder Selling Flower Pots on Highway
Himachal Pradesh: PhD Holder Selling Flower Pots on Highway
Himachal Doctor Selling Flowerpots on Roadside Highlights Plight of Educated Unemployed Youth
In a shocking development, a PhD holder from Himachal Pradesh has been forced to sell flower pots on the highway to make ends meet. Dr. Vijay Vidhyarthi, a resident of Baijnath in Kangra district, has a long and distinguished academic career. He holds a PhD in English from Punjab University, a post-doctoral degree in Hindi, and has published three books and over 20 research papers.
Vidhyarthi was a professor at Kurukshetra University from 2013 to 2019. However, he lost his job during the COVID-19 pandemic. He then worked with the Aam Aadmi Party for a short time, but was unable to find a permanent job.
Vidhyarthi is now selling flower pots on the highway near his village. He says that he is willing to do any kind of work to support his family.
शिक्षा में पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद भी सड़क किनारे सामान बेचने को मजबूर डॉक्टर विजय विधार्थी
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बैजनाथ के रहने वाले डॉक्टर विजय विधार्थी इन दिनों सड़क किनारे गमले और सामान बेचने को मजबूर हैं। विजय ने ग्रेजुएशन, एमए, एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की है और अंग्रेजी विषय में पोस्ट डॉक्टरेट की उपाधि भी ली है।
विजय ने पंडित संतराम डिग्री कॉलेज बैजनाथ से बीए ऑनर्स की पढ़ाई की। फिर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में एमएम और एमफिल की। साल 2013 में उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की। उसके बाद हिंदी विषय में पोस्ट डॉक्टरेट की उपाधि ली।
2013 से 2019 तक वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे। लेकिन कोरोना के समय घर लौटना पड़ा। इस दौरान कुछ समय के लिए वर्क फ्रॉम होम किया, लेकिन फिर नौकरी चली गई। इसके बाद, कुछ समय के लिए आम आदमी पार्टी के साथ भी काम किया।
विजय के पिता किसान हैं और परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी पर नहीं है। सभी किसानी करते हैं। विजय तीन किताबें और 20 से ज्यादा शोध पत्र दाखिल कर चुके हैं। साथ ही यूजीसी नेट क्वालिफाइड हैं।
वर्तमान में विजय शिक्षा संस्थानों में नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं और उनका इंटरव्यू चल रहा है। लेकिन यह बात दुखद है कि युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी पर कांग्रेस और बीजेपी जैसी कोई भी राजनीतिक पार्टी ध्यान नहीं दे रही है। हिमाचल प्रदेश देश के उन शीर्ष राज्यों में शामिल है जहां सबसे अधिक शिक्षित बेरोजगार हैं।
विजय ने कहा कि उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करके समाज में कुछ करने की सोची थी। लेकिन आज वह खुद ही बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को युवाओं की बेरोजगारी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
विजय की कहानी इस बात का एक उदाहरण है कि कैसे शिक्षा और योग्यता भी बेरोजगारी को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं है। सरकार को युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए।
The Growing Problem of Unemployment in India
Vidhyarthi’s story is a reflection of the growing problem of unemployment in India. According to the latest data from the National Sample Survey Office, the unemployment rate in India was 7.8% in 2022. This is the highest unemployment rate in India since 2017.
The unemployment problem is particularly acute among educated youth. According to a report by the Centre for Monitoring Indian Economy, the unemployment rate among youth aged 20-24 years was 22.1% in 2022.
The Political Parties’ Failure to Address the Issue
The political parties in India have failed to address the issue of unemployment. Both the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) and the opposition Congress party have made promises to create jobs, but they have not been able to deliver.
In Himachal Pradesh, the unemployment rate is 6.8%. This is lower than the national average, but it is still a significant problem.
The Way Forward
The government needs to take urgent steps to address the issue of unemployment. This includes investing in education and training, creating jobs in the manufacturing and services sectors, and promoting entrepreneurship.
The political parties also need to make unemployment a priority in their election campaigns. They need to come up with concrete plans to create jobs and provide opportunities for the youth.