• December 5, 2024

लद्दाख से अमृतसर पहुंची याक व बकरी की ऊन से बनी शॉल

लद्दाख से अमृतसर पहुंची याक व बकरी की ऊन से बनी शॉल

अमृतसरियों को खुबानी पकाकर खाने की विधि बता रहे लद्दाखी,पहली बार यूटी लद्दाख से पाईटैक्स पहुंचे एक दर्जन कारोबारी

अमृतसर, 5 दिसंबर (कुमार सोनी )

केंद्र सरकार द्वारा लद्दाख को यूटी का दर्जा दिए जाने के बाद यहां का विशेष कारोबार अब देश के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगा है। लद्दाखी महिलाएं अब अपने राज्य से बाहर आकर पड़ोसी राज्यों में भी कारोबार करने लगी हैं। अमृतसर में आज से शुरू हुआ पंजाब इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो में लद्दाख से आए हुए कारोबारियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। पिछले साल आयोजित किए गए पाईटैक्स के दौरान यहां केवल तीन कारोबारी आए थे। इस बार इनकी संख्या बढक़र ग्यारह तक पहुंच गई है। लद्दाख प्रशासन द्वारा ब्रैंड लद्दाख इंपोरियम शोरूम के माध्यम से अपने घरेलू कारोबारियों को नई पहचान दी जा रही है।

सहायक हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग ऑफिसर लियाकत अली ने बताया कि यूटी बनने के बाद यहां के लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है। अब एक नई पहचान के साथ यहां के घरेलू कारोबारी देशभर में अपनी उपस्थति दर्ज करवा रहे हैं। इस बार यहां चार महिलाएं अपने उत्पाद लेकर आई हैं।

उन्होंने बताया कि देश में लद्दाख ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे अधिक ठंड पड़ती है। जिसके चलते वहां पर यॉक की ऊन से बने स्वेटर, शॉल व अन्य उत्पाद लेकर आए हैं। इसके अलावा बकरी की पशमीना किस्म केवल लद्दाख के सबसे उपरी क्षेत्र में ही पाई जाती है। जिसके चलते यहां पशमीना शॉल भी लेकर आए हैं।

यहां अपना स्टॉल लगाने वाले सादिक अली ने बताया कि आमतौर पर खुबानी को ड्राईफ्रूट के रूप में खाने का चलन है लेकिन लद्दाख में इसे उबालकर भी खाया जाता है। जिसके चलते अमृतसर में लगाए गए स्टॉल में लोगों को खुबानी का नया जायका परोसा जा रहा है।

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