- December 14, 2023
राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में उत्तराखंड की छात्रा ने टीएचडीसीआईएल द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल किया।
उत्तराखंड की बेटी ने राष्ट्रीय मंच पर जगाया ऊर्जा संरक्षण का शोर, पेंटिंग प्रतियोगिता में जीता पहला स्थान!
उत्तराखंड की बेटी चमकी: राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिता में पहला स्थान
- इस प्रतियोगिता में देश भर के लगभग 70 लाख छात्रों ने भाग लिया था।
- राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए, पहले राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था।
- भारत की माननीय राष्ट्रपति ने विजेताओं को पुरस्कृत करने के साथ ही ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन और छात्रा की सफलता: इस राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता के आयोजन से पहले, देश भर में राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं, जिसमें देश के लगभग 70 लाख छात्रों द्वारा बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया गया। देश के सभी अग्रणी विद्युत उपक्रम जैसे टीएचडीसी, एनटीपीसी, एनएचपीसी, एसजेवीएन, पावर ग्रिड आदि को प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए पूरे देश में अलग-अलग राज्य आवंटित किए गए थे । प्रत्येक राज्य के दोनों ग्रुप ए और बी के पहले तीन विजेताओं ने 11 दिसंबर 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार का एक अग्रणी विद्युत उपक्रम है जो कि उत्तराखंड राज्य की नोडल एजेंसी भी है।
ऋषिकेश – 14.12.2023: उत्तराखंड की सातवीं कक्षा की एक होनहार छात्रा ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कलात्मक प्रतिभा और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का शानदार प्रदर्शन किया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं हरिद्वार के आचार्यकुलम स्कूल की छात्रा आरुषि सिंह की, जिन्होंने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की ऊर्जा संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिता में शानदार पहला स्थान हासिल किया है।
ऊर्जा संरक्षण के महत्व को समझते हुए केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में देशभर के लाखों छात्रों ने भाग लिया था। ऐसे कड़े मुकाबले में उत्तराखंड की बेटी ने अपनी पेंटिंग के जरिए ना सिर्फ जजों का दिल जीता, बल्कि राष्ट्रपति भवन के मंच पर भी गौरव के साथ अपना नाम दर्ज कराया।
आरुषि की पेंटिंग में ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न तरीकों को बेहद खूबसूरती और प्रभावी ढंग से दर्शाया गया है। बिजली के स्विच बंद करना, ऊर्जा कुशल उपकरणों का उपयोग करना, सौर ऊर्जा का लाभ उठाना – ये सभी उपाय उनकी पेंटिंग में बोलते हुए नजर आते हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रति गहरी चिंता और ऊर्जा बचाने के संदेश को उन्होंने अपनी कला के जरिए इतने सरल और सटीक तरीके से पेश किया कि देश की सर्वोच्च हस्ती राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भी उनकी प्रतिभा को सलाम करना पड़ा।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति ने खुद आरुषि को पुरस्कृत किया और उनकी कलात्मक प्रतिभा की सराहना की। उन्होंने आरुषि को ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही, उन्होंने देश के युवाओं को भी संदेश दिया कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचाने का दायित्व हम सबका है, और हम सभी छोटे-छोटे प्रयासों से बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
आरुषि की इस उपलब्धि से पूरे उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनके स्कूल आचार्यकुलम और राज्य सरकार ने भी उन्हें गर्व से बधाई दी है। इसके अलावा, उत्तराखंड में ऊर्जा संरक्षण के लिए काम कर रहे टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने भी आरुषि की सफलता पर गौरव व्यक्त किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर आरुषि की यह जीत केवल एक प्रतियोगिता का नतीजा नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का प्रमाण है। उनकी पेंटिंग देश के कोने-कोने तक पहुंचेगी और युवाओं को ऊर्जा बचाने के लिए प्रेरित करेगी। यह एक सकारात्मक संदेश है कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में कला एक शक्तिशाली माध्यम बन सकती है।
अरुषि की कहानी युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। यह बताती है कि छोटी सी उम्र में भी, यदि दृढ़ संकल्प और रचनात्मकता हो तो, कोई भी बड़े मुकाम हासिल कर सकता है। उनकी पेंटिंग ने यह साबित कर दिया है कि ऊर्जा संरक्षण सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक कलात्मक अभिव्यक्ति भी हो सकती है।