- December 2, 2024
प्रकाश सिंह बादल से “फख्र-ए-कौम” सम्मान वापस, अकाल तख्त का फ़ैसला
( कुमार सोनी ) : सिख समुदाय की सर्वोच्च धार्मिक संस्था, श्री अकाल तख्त साहिब, ने एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से “फख्र-ए-कौम” की उपाधि वापस ले ली है। इस निर्णय का कारण उन पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी देने के मामले और सिख पंथ की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप हैं।
जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने 2015 में अकाल तख्त के जत्थेदारों को अपने आवास पर बुलाया और डेरा सच्चा सौदा से माफी देने का दबाव डाला। इस पूरे प्रकरण में दिवंगत प्रकाश सिंह बादल की भी भूमिका रही। इसलिए, सिख पंथ की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के कारण यह निर्णय लिया गया।
जत्थेदार ने शिरोमणि अकाली दल के नेताओं को सिख मूल्यों और आदर्शों पर चलने की नसीहत दी। साथ ही, उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने वाले नेताओं के बारे में कहा कि उनकी कार्यकारिणी तीन दिनों के भीतर सभी इस्तीफों पर विचार करेगी। सुखबीर सिंह बादल को पाँचों तख्तों पर झूठे बर्तन साफ करने की सजा दी गई है, और श्री स्वर्ण मंदिर के बाहर तख्ती पहनकर पहरेदारी करने का निर्देश दिया गया है।
इस ऐतिहासिक निर्णय के तहत, वर्ष 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल की सरकार के पूर्व मंत्रियों और 2015 के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों को भी बुलाया गया। इनमें वर्तमान अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी भी शामिल हैं। सुखबीर सिंह बादल, जो हाल ही में चोटिल हुए हैं, व्हीलचेयर पर श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
यह निर्णय न केवल सिख पंथ की प्रतिष्ठा को बहाल करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अकाल तख्त धार्मिक और नैतिक मूल्यों के उल्लंघन के प्रति कितना गंभीर है।
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