• October 25, 2023

एसजेवीएन एम्पलाईज़ झाकड़ी द्वारा किया गया श्रीश्री दुर्गा-पूजा महोत्सव का भव्य आयोजन

एसजेवीएन एम्पलाईज़ झाकड़ी द्वारा किया गया श्रीश्री दुर्गा-पूजा महोत्सव का भव्य आयोजन

झाकड़ी में श्रीश्री दुर्गा-पूजा महोत्सव का भव्य आयोजन

झाकड़ी में हर वर्ष की भांति शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर एसजेवीएन एम्पलाईज़ कल्चरल कमेटी, झाकड़ी के तत्वाधान में श्रीश्री दुर्गा-पूजा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष महोत्सव का शुभारंभ 20 अक्टूबर, 2023 को महाषष्ठी के दिन कल्पारंभ पूजन एवं बोधन से हुआ। इसके बाद संध्या आरती का आयोजन किया गया।

महोत्सव के दूसरे दिन 21 अक्टूबर को महासप्तमी के दिन चण्डीपाठ किया गया। चण्डीपाठ मां दुर्गा की महिमा का गुणगान करने वाला एक पवित्र ग्रंथ है। महोत्सव के तीसरे दिन 22 अक्टूबर को महाअष्टमी के दिन दोपहर को संधि-पूजा का आयोजन किया गया। संधि-पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस समय मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली रूप माना जाता है।

महोत्सव के चौथे दिन 23 अक्टूबर को महा नवमी के दिन दोपहर को पूजा एवं हवन का आयोजन किया गया। हवन के माध्यम से मां दुर्गा को नैवेद्य अर्पित किया जाता है और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना की जाती है।

महोत्सव के पांचवें और अंतिम दिन 24 अक्टूबर को महादशमी के दिन दधिकर्म पूजा, दर्पण विसर्जन व सिंदूर उत्सव के उपरांत दोपहर 2 बजे पवित्र मूर्तियों का विसर्जन किया गया। दर्पण विसर्जन का प्रतीकात्मक अर्थ यह है कि हम अपने अहंकार को त्याग कर मां दुर्गा में विलीन हो जाते हैं।

महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इसमें टैलेंट हंट प्रतियोगिता, डांडिया प्रतियोगिता आदि का आयोजन करवाया गया। साथ ही एसजेवीएन महिला सकीर्तन मंडली द्वारा भजन-सकीर्तन का आयोजन किया गया।

झाकड़ी में श्रीश्री दुर्गा-पूजा महोत्सव क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। इस आयोजन में क्षेत्र के सभी लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और मां दुर्गा की आराधना करते हैं।

श्रीश्री दुर्गा-पूजा 

  • महोत्सव का आयोजन हर वर्ष शारदीय नवरात्रि के दौरान किया जाता है।
  • महोत्सव का शुभारंभ महाषष्ठी के दिन कल्पारंभ पूजन एवं बोधन से होता है।
  • महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है, जैसे कि चण्डीपाठ, संधि-पूजा, पूजा और हवन।
  • महोत्सव के अंतिम दिन पवित्र मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।
  • महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *