रोकने के लिए किए जाएं तुरंत प्रयास
अमृतसर, ( राहुल सोनी ) सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भारत पाकिस्तान के बीच सीज़फायर की घोषणा के बाद मांग की है कि सीमा पार से नशे और हथियारों की तस्करी को भी आतंकवाद के हिस्से के रुप में माना जाए। इसे रोकने के लिए भी प्रयास किए जाएं।
सासंद गुरजीत सिंह औजला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और कहा है कि पंजाब के अमृतसर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमा पार से मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी लगातार जारी है।
इस क्षेत्र में फैले नशीले पदार्थों के खतरे के कारण अब तक लगभग दो लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि 90% से अधिक मृतक सिख समुदाय से हैं, जो पंजाब के लोगों पर इस संकट के असंगत प्रभाव को दर्शाता है। यह हमारे राज्य के युवाओं, परिवारों और भविष्य पर एक निरंतर और जानबूझकर किया गया हमला है।
सांसद औजला ने कहा कि देश की सरकार की ओर से घोषणा की गई है कि आगे से आतंकवाद को अब युद्ध का संकेत माना जाए तो ऐसे समय में सीमा पर तस्करी भी आतंकवाद के तहत ही आनी चाहिए। यह आतंकवादी कृत्य से कम नहीं है, तथा हर दृष्टि से यह युद्ध जैसा कृत्य है।
सांसद औजला ने कहा कि आज, बेहतर प्रौद्योगिकी की उपलब्धता के बावजूद, ड्रोन हमारी नाक के नीचे हजारों किलोग्राम ड्रग्स और खतरनाक हथियार लेकर हमारे क्षेत्र में आ रहे हैं। युवा पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा अब भारत छोड़ने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि वह बढ़ते नशे और सुरक्षा की कमी से परेशान है। यहां तक कि पंजाब आने वाले पर्यटक भी इस बढ़ते नार्को-आतंकवाद नेटवर्क का शिकार हो रहे हैं। यह भी उतनी ही चिंताजनक बात है कि कुछ अधिकारियों, नौकरशाहों और व्यवस्था के भीतर के तत्वों की संलिप्तता या मिलीभगत के मजबूत संकेत हैं, जो इन तस्करी कार्यों को संभव बना रहे हैं।
सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि यह पत्र महज एक अपील नहीं है – यह सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की ओर से एक मांग है। सीमा पार से मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी को आतंकवादी कृत्य घोषित करना चाहिए।