ऐतिहासिक कार्यक्रम 15 व 16 नवंबर को नांदेड़ में, 6 दिसंबर को नागपुर में और 21 और 22 दिसंबर 2025 को नवी मुंबई में आयोजित किए जाएंगे।
अमृतसर, 13 जून ( कुमार सोनी ) महाराष्ट्र सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350 वीं शहादत जयंती व श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के 350वें गुरुता गद्दी गुरुपर्व को सरकारी स्तर पर मनाने का फैसला किया है। यह निर्णय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में, मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास, वर्षा बंगले में, दमदमी टकसाल प्रमुख और संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा और अन्य संत व्यक्तित्वों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और सिख समुदाय के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में, संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा द्वारा राज्य सरकार द्वारा गुरुओं के शताब्दी समारोह को राज्य स्तरीय कार्यक्रम घोषित करने की अपील पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान लिया गया। मांग को स्वीकार करते हुए, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद घोषणा की कि श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350 वीं शहीदी शताब्दी और गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के 350वें गुरता गद्दी गुरुपर्व का आयोजन महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तर पर किया जाएगा। नांदेड़ में 15 व 16 नवंबर, नागपुर में 6 दिसंबर और नवी मुंबई में 21 और 22 दिसंबर 2025 को यह ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित करके समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने का निर्णय लिया गया है। नांदेड़, नागपुर और मुंबई में आयोजित होने वाले तीन प्रमुख समारोहों में माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
इस अवसर पर दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने राज्य स्तर पर गुरुओं की शताब्दी मनाने के उनके निर्णय के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की यह पहल हमारे गुरुओं द्वारा दिए गए बलिदान के प्रति गहरा सम्मान और मान्यता दर्शाती है। उन्होंने सिख संगत से सामूहिक प्रतिबद्धता और पंथिक भावना के साथ इन सभी कार्यक्रमों को वास्तव में यादगार बनाने के लिए आगे आने का आह्वान किया। बैठक के दौरान संत समाज के अध्यक्ष बाबा हरनाम सिंह खालसा द्वारा प्रस्तुत विचारों की विशेष रूप से सराहना की गई। उन्होंने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सिख समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए धार्मिक सहिष्णुता और राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा अवसर है। उन्होंने इस आयोजन को समाज के सभी वर्गों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बैठक में आयोजन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें पूरे वर्ष महाराष्ट्र में आयोजित किए जाने वाले प्रमुख कार्यक्रमों की योजना का उल्लेख किया गया। उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन मूल्यों, मानवता और बलिदान पर आधारित एक विशेष पुस्तिका का उल्लेख किया जो हिंदी, पंजाबी और मराठी में प्रकाशित की जाएगी ताकि नई पीढ़ी को हमारे इतिहास से अवगत कराया जा सके। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि है बल्कि महाराष्ट्र को सांस्कृतिक चेतना, धार्मिक सहिष्णुता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल भी है। आज का समागम इन आयोजनों की तैयारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। जिसके माध्यम से राज्य स्तर पर 350वीं शहीदी शताब्दी समागम के भव्य आयोजन की योजना और समन्वय किया जाना था।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों की समीक्षा की और सभी संबंधित विभागों और वरिष्ठ अधिकारियों को इन ऐतिहासिक समारोहों के सफल आयोजन के लिए पूर्ण समर्थन और सहयोग प्रदान करने के स्पष्ट निर्देश दिए। समारोहों का मुख्य उद्देश्य देश के कोने-कोने में गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, शिक्षाओं और सर्वोच्च बलिदान का संदेश फैलाना और राष्ट्रीय चेतना को जागृत करना इस अवसर पर मुख्यमंत्री को संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा, मलकीत सिंह बल, हैप्पी सिंह और जसपाल सिंह सिद्धू ने सम्मानित किया।
