हरियाणा के चर्चित मिर्चपुर कांड में दलितों की तरफ से कानूनी लड़ाई लड़ने वाले एडवोकेट रजत कलसन को नारनौंद पुलिस ने बुधवार रात हिसार की ऑटो मार्केट से गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, नारनौंद थाना पुलिस एक हत्या मामले में उन्हें नोटिस देने पहुंची थी, लेकिन इसी दौरान पुलिस और रजत कलसन के बीच तीखी झड़प हो गई। इस झड़प में हांसी स्पेशल स्टाफ के एसआई रवि घायल हो गए, जिसके बाद मामला और भी संवेदनशील हो गया।
पुलिस द्वारा उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी देने के बाद रजत कलसन को हिरासत में लिया गया और गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। हालांकि इस कार्रवाई के खिलाफ वकील समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। हांसी बार एसोसिएशन ने गुरुवार सुबह एक आपात बैठक बुलाई और वर्क सस्पेंड की घोषणा की। वकीलों ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया और उसकी संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं।
रजत कलसन के भाई रोहित कलसन ने बताया कि बुधवार शाम वे अपने जूनियर वकील को हीरो बाइक एजेंसी के पास छोड़ने गए थे, तभी कुछ लोग सिविल कपड़ों में आए और बातचीत का हवाला देकर उन्हें एक तरफ ले गए। इसके बाद जबरन गाड़ी में बिठाने की कोशिश की गई, जिसके दौरान धक्का-मुक्की हुई। रोहित ने आरोप लगाया कि पूरी रात उन्हें अलग-अलग थानों में रजत की तलाश करनी पड़ी और आखिरकार सुबह तीन बजे उन्हें नारनौंद थाने में मौजूद बताया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न तो परिवार को रजत से मिलने दिया गया और न ही एफआईआर की कॉपी दी गई।
एडवोकेट रजत कलसन पिछले एक दशक से दलित समुदाय के पक्ष में अदालतों में सक्रिय रूप से आवाज उठाते रहे हैं। 2010 के मिर्चपुर कांड में उन्होंने पीड़ित दलित परिवारों की कानूनी पैरवी की थी, जिससे वे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान में आए। हाल के वर्षों में भाटला प्रकरण समेत कई मामलों में उन्होंने दलितों की ओर से अदालत में मजबूती से पक्ष रखा है।
इस गिरफ्तारी को लेकर दलित संगठनों और वकील समुदाय में रोष व्याप्त है। वकीलों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों और न्याय प्रक्रिया के खिलाफ बताया है और मांग की है कि इस गिरफ्तारी की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
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