जम्मू, 28 मई — बुधवार सुबह लखदाता बाजार स्थित मनोकामना सिद्ध हनुमान मंदिर में एक अद्भुत घटना घटी, जिसने वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं को चमत्कृत कर दिया। मंदिर के पुजारी के अनुसार मंगलवार रात जब मंदिर के कपाट बंद किए गए थे, तब हनुमान जी की मूर्ति अपने सामान्य स्वरूप में थी। लेकिन बुधवार सुबह, जब ठीक 5:30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए, तो श्रद्धालुओं ने देखा कि हनुमान जी की मूर्ति ने अपना स्वरूप बदलकर बाल रूप धारण कर लिया था।
यह दृश्य देखकर मंदिर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी भक्त बाल रूप में प्रकट हुए पवनपुत्र के दर्शन के लिए आतुर थे। मंदिर परिसर में ‘जय श्री राम’ और ‘संकट मोचक की जय’ के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा, और हर कोई इस अद्भुत दृश्य को अपने जीवन का सबसे पवित्र क्षण मानने लगा।
मंदिर के पुजारी ने इस घटना पर कहा, “यह चमत्कार हम सभी के लिए अति पवित्र और दिव्य है। ऐसा दृश्य पहली बार देखने को मिला है। जब आज सुबह कपाट खोले गए, तो पाया कि हनुमान जी बाल रूप में विराजमान हैं। यह उनके भक्तों पर विशेष कृपा का प्रतीक है।”
श्रद्धालु इस रूप को भगवान की दिव्य लीला मानते हैं और इसे हनुमान जी के भक्तों के प्रति प्रेम और आशीर्वाद का प्रतीक मान रहे हैं। उनका मानना है कि पवनपुत्र ने बाल रूप में प्रकट होकर यह संदेश दिया है कि वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए पधारे हैं।
मंदिर में इस दृश्य के बाद श्रद्धालुओं का रेला लगातार बढ़ता चला गया। भक्तों ने हनुमान जी को लड्डू, सिंदूर और चोला चढ़ाकर अपनी श्रद्धा अर्पित की। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की, ताकि सभी भक्तों को बिना किसी परेशानी के दर्शन का अवसर मिल सके। पूरे दिन मंदिर में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई देती रही, और भक्तों का उत्साह चरम पर था।
यह घटना न केवल हनुमान भक्तों के लिए एक आशीर्वाद के रूप में प्रकट हुई, बल्कि यह एक यादगार क्षण बन गई, जिसे हर श्रद्धालु अपने जीवन भर याद रखेगा।
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