अमृतसर, ( कुमार सोनी ) पंजाब की आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार द्वारा पंजाब में जारी की गई शहरी विकास व विस्तार के लिए बनाई गई लैंड पुलिंग नीति पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व विधायक व भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्वनी सेखड़ी ने कहा है कि भगवंत मान सरकार ने लैंड पुलिंग नीति के नाम पर किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। श्री सेखडी बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान के लिए उनकी जमीन ही उसके परिवार के पालन-पोषण का साधन होती है । पंजाब सरकार अब लैंड पुलिंग नीति के तहत किसानों की आमदन के साधनों को खत्म करने पर तुली हुई है। पंजाब सरकार इस नीति की आढ़ में अपने चहेते लैंड माफिया तथा बिल्डरों को फायदा पहुँचा रही है। आम आदमी पार्टी पंजाब को अपने बैंक के एटीएम की तरह इस्तेमाल कर रही है। दिल्ली में मिली करारी हार के बाद अब पंजाब में बैठे अरविन्द केजरीवाल पंजाब को अपनी फंडिग स्त्रोत के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इस अवसर पर अमृतसर भाजपा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह संधू , जिला महासचिव मनीष शर्मा, पार्षद गौरव गिल, सतपाल डोगरा इत्यादि उपस्थित थे। अश्वनी सेख़डी ने कहा इस नीति के तहत सरकार को जमीन विकसित करने में कई वर्ष लग जाते हैं और इस दौरान ना तो किसान अपनी जमीन पर खेती कर सकता है, ना ही उस पर कर्ज ले सकता है और ना ही उसे बेच सकता है। सरकार किसान को उसकी जमीन के बदले प्लाट दिए जाने तक 30,000 रुपए प्रति एकड़ वार्षिक देगी। इससे पहले ही दिन से किसान को हर तरह से नुकसान शुरू हो जाएगा। अगर किसान अपनी जमीन ठेके पर भी देता है तो भी उसे लगभग 80 से 85 हजार रुपए प्रति वर्ष मिल जाते हैं। पंजाब सरकार ने लैंड पुलिंग नीति के तहत 30,000 रुपए प्रति एकड़ दिए जाने की समय सीमा तीन वर्ष भी तय की है, जिसमें सरकार प्लाट देने में सफल रहे या ना रहे, तीन वर्ष बाद यह पैसा आना बंद हो जाएगा। अश्वनी सेखड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार द्वारा पंजाब में शहरी विकास के नाम पर लैंड पुलिंग नीति के तहत पंजाब के 1,200 गांवों में से 158 गाँवों की 40,000 एकड़ से अधिक उपजाऊ जमीन अधिग्रहित करने की योजना बनाई गई है। जबकि पंजाब सरकार ने राज्य में निर्मित किए जा रहे दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध के लिए किसानों को उकसाकर उसका निर्माण रुकवा दिया है। भगवंत मान सरकार द्वारा इस लैंड पुलिंग नीति के तहत लुधियाना में 23,073 एकड़, अमृतसर में 4,464 एकड़, मोहाली में 3,535 एकड़, जालंधर में 1,000 एकड़, पठानकोट में 1,000 एकड़, पटियाला में 1,150 एकड़, बठिंडा में 848 एकड़, संगरूर में 568 एकड़, मोगा में 542 एकड़, नवांशहर में 383 एकड़, फिरोजपुर में 313 एकड़, बरनाला में 317 एकड़, होशियारपुर में 550 एकड़, कपूरथला में 150 एकड़, फगवाड़ा में 200 एकड़, नकोदर में 200 एकड़, गुरदासपुर में 80 एकड़, बटाला में 160 एकड़, तरनतारन में 97 एकड़, सुल्तानपुर लोधी में 70 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसका किसानों द्वारा विरोध करना शुरू कर दिया गया है।