प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से सिख सरोकारों के लिए तत्काल हस्तक्षेप की अपील
कुमार सोनी, अमृतसर, 6 अक्टूबर
पंजाब भाजपा के प्रवक्ता व सिख चिंतक प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने अमेरिकी ट्रंप सरकार द्वारा सेना में दाढ़ी रखने पर लगाई गई रोक को भेदभावपूर्ण व अपमानजनक करार देते हुए कहा कि यह निर्णय अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देश में धार्मिक स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर सीधा प्रहार है। उन्होंने ट्रंप सरकार से अपील की कि दाढ़ी रखने वाले समुदायों विशेषकर सिखों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए इस फैसले पर तत्काल पुनर्विचार किया जाए। प्रो. ख्याला ने इस मामले में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से सिख सरोकारों की रक्षा के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यद्यपि अमेरिकी सरकार ने इस आदेश को 60 दिनों में लागू करने की बात कही है और कुछ विशेष बल इकाइयों को इससे छूट दी गई है, फिर भी सिख सैनिकों के लिए विशेष छूट का प्रावधान लागू करवाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए, क्योंकि दाढ़ी रखना सिख धर्म की मर्यादा का अभिन्न अंग है।
प्रो. ख्याला ने कहा कि 2010 से अब तक जारी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों के तहत दी गई छूट समाप्त होने से वे सिख सैनिक बहुत प्रभावित होंगे जो अपने धार्मिक विश्वास के अनुसार दाढ़ी रखते हैं। उन्होंने कहा, “दाढ़ी और पगड़ी सिखों की धार्मिक पहचान है। केशों का सम्मान सिख धर्म के मूल सिद्धांतों में से एक है। इस अधिकार को छीनना धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
