“दस्त रोको मुहिम”: डॉ. बलबीर सिंह ने बच्चों की मौतें रोकने के लिए घर-घर सर्वेक्षण के आदेश दिए

0
9

पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज राज्य में छोटे बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दो महीने लंबी “दस्त रोको मुहिम 2025” का शुभारंभ किया। यह सघन अभियान विशेष रूप से पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण ‘दस्त’ की रोकथाम पर केंद्रित है — जो कि पूरी तरह से रोकी जा सकने वाली बीमारी है। इस अवसर पर मंत्री ने जनजागरूकता पोस्टर भी जारी किए।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि दस्त बच्चों की मृत्यु का एक गंभीर लेकिन निवारण योग्य कारण है, और यह अभियान जागरूकता, रोकथाम और समय पर उपचार के माध्यम से हर बच्चे की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग मानसून के उच्च जोखिम वाले महीनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘रोकथाम-सुरक्षा-उपचार (पी पी टी)’ रणनीति अपनाएगा। राज्य सरकार आशा वर्करों की मदद से घर-घर ओ आर एस -जिंक किट वितरित करवाएगी। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों और आंगनवाड़ियों में ओ आर एस-जिंक कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, और स्वास्थ्य कर्मियों को दस्त प्रबंधन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि “कोई भी बच्चा उपचार की अनुपलब्धता के कारण नहीं मरना चाहिए।” उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर ओ आर एस, जिंक, आई वी तरल पदार्थ और एंटीबायोटिक्स उपलब्ध कराए जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह मुहिम हाथ धोने, सुरक्षित पेयजल, स्तनपान, स्वच्छता और टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कारकों पर जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित होगी। उन्होंने ज़ोर दिया कि हाथों की सफ़ाई, स्वच्छ पानी और समय पर देखभाल से बच्चों की कीमती जानें बचाई जा सकती हैं।

उन्होंने पंचायत सदस्यों, स्वयं सहायता समूहों, शिक्षकों और अभिभावकों से इस मुहिम को सफल बनाने में सहयोग मांगा।

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार दस्त की मूल वजहों से निपटने के लिए शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, जल एवं स्वच्छता तथा ग्रामीण विकास विभागों के साथ अंतर-विभागीय समन्वय को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं, बल्कि पंजाब के भविष्य की लड़ाई है और हम मिलकर इस बीमारी को परास्त करेंगे।”

स्वास्थ्य मंत्री ने नागरिकों से अपने आसपास सफाई रखने, साफ और सुरक्षित पानी का उपयोग करने और दस्त के लक्षण दिखने पर तुरंत ओ आर एस -जिंक तथा चिकित्सीय सहायता लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि दस्त के दौरान शरीर में जल की कमी से बचाव के लिए नींबू पानी (शकंजवी) जैसे तरल पदार्थों का सेवन आवश्यक है।

इस अवसर पर  एस ए एस नगर स्थित संस्था पी ईईडीओ  (पशु कल्याण एनजीओ) के साथ राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक समझौता पत्र (एम ओ यू ) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य 2030 तक रेबीज को समाप्त करना है, जिसके तहत सभी संबंधित पक्षों की भागीदारी, स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण और मोहाली जिले में एंटी-रेबीज क्लीनिकों की स्थापना व विस्तार तथा सलाह-मशविरा सत्रों का आयोजन किया जाएगा।

इस मौके पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, डायरेक्टर हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डॉ. हितिंदर कौर, डायरेक्टर फैमिली वेलफेयर डॉ. जसमिंदर, एन एच एम डायरेक्टर डॉ. बलविंदर कौर, जे एस एस के  सलाहकार डॉ. मीनू लखनपाल, एस पी ओ एम सी एच डॉ. हरप्रीत कौर, एस पी ओ एन आर सी पी  डॉ. अर्शदीप कौर, एम ओ एम सी एच  डॉ. हर्सिमरत कौर, ए पी ओ एम सी एच डॉ. दीक्षा शर्मा, और एस ए एम सी एच  बरुण गुप्ता भी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here